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क्या है ईरान की सिजिल मिसाइल, जो 7 मिनट में इसराइल तक पहुँच सकती है?

सिजिल: ईरान का वो ‘घातक’ हथियार जिसने मध्य पूर्व में बढ़ाई हलचल

ईरान और इसराइल के बीच जारी सैन्य टकराव में एक नए और घातक हथियार का नाम सामने आया है – ‘सिजिल’ (Sejil) मिसाइल। ईरान ने हाल ही में इसराइल पर किए गए हमले में पहली बार अपनी इस स्वदेशी मिसाइल का इस्तेमाल करने का दावा किया, जिसके बाद से वैश्विक स्तर पर इसकी क्षमताओं को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है।

यह मिसाइल कितनी खतरनाक है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगता है कि अगर इसे ईरान के नतांज़ शहर से दागा जाए, तो यह महज़ सात मिनट के भीतर इसराइल के तेल अवीव शहर को निशाना बना सकती है। दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 2000 किलोमीटर है।

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) ने इस हमले को ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ का हिस्सा बताया है। हालांकि, इसराइली रक्षा बल (IDF) ने सिजिल मिसाइल को हवा में ही सफलतापूर्वक नष्ट कर देने का दावा किया है।

सिजिल मिसाइल की खासियतें क्या हैं?

सिजिल एक भारी, लंबी दूरी की और बड़े विस्फोटक ले जाने की क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। नई दिल्ली में स्थित ईरानी दूतावास के अनुसार, यह ईरान के सबसे सटीक और शक्तिशाली रणनीतिक हथियारों में से एक है।

इसकी प्रमुख क्षमताएं निम्नलिखित हैं:

  • ईंधन: यह ठोस ईंधन (Solid Fuel) से चलती है, जो इसे लॉन्च के लिए जल्दी तैयार करने और आसानी से स्टोर करने में मदद करता है। यह युद्ध के समय इसे बेहद प्रभावी बनाता है।
  • रेंज (मार करने की क्षमता): इसकी अधिकतम रेंज 2000 किलोमीटर है, जो इसे एक मध्यम-दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) बनाती है। इस रेंज के साथ ईरान पूरे मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों तक हमला कर सकता है।
  • पेलोड (विस्फोटक क्षमता): यह मिसाइल अपने साथ लगभग 700 किलोग्राम वजन का वॉरहेड (विस्फोटक) ले जा सकती है, जो किसी भी लक्ष्य को भारी नुकसान पहुँचाने के लिए काफी है।
  • आकार और वजन: सिजिल मिसाइल की लंबाई करीब 18 मीटर है और इसका कुल प्रक्षेपण भार (Launch Weight) लगभग 23,600 किलोग्राम है।

सिजिल का विकास और इतिहास

इस मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 2008 में किया गया था। इसके बाद मई 2009 में सिजिल-2 वेरिएंट का परीक्षण हुआ, जिसमें आधुनिक नेविगेशन सिस्टम को परखा गया। अमेरिकी थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़’ (CSIS) के मुताबिक, ईरान सिजिल-3 पर भी काम कर सकता है, जिसकी रेंज 4000 किलोमीटर और लॉन्च वेट 38,000 किलोग्राम तक हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

2012 के बाद इस मिसाइल का सार्वजनिक परीक्षण नहीं किया गया था, लेकिन लगभग एक दशक बाद 2021 में एक सैन्य अभ्यास के दौरान इसे फिर से लॉन्च किया गया था।

                     

हालिया संघर्ष में हमलों का दौर

यह घटनाक्रम 13 जून को तब शुरू हुआ जब इसराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खतरा बताते हुए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत तेहरान, नतांज़ और इस्फ़हान में कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया।

इसके जवाब में ईरान ने इसराइल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई की। इसी कार्रवाई के दौरान ईरान ने पहली बार सिजिल मिसाइल के इस्तेमाल का दावा किया। ईरान के एक हमले में दक्षिणी इसराइल के एक अस्पताल को भी नुकसान पहुँचा, हालांकि ईरान का कहना है कि उसका निशाना पास का एक सैन्य ठिकाना था।

इस घटना के बाद इसराइल ने ईरान के अराक हेवी वाटर रिएक्टर सहित अन्य परमाणु ठिकानों को फिर से निशाना बनाया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुँच गया है।